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लोक वित्त (राज्य)

लोक वित्त (राज्य) प्रभाग की भूमिका में निम्नानुसार संशोधन किया जाएगा

लोक वित्त (राज्य) प्रभाग राज्य वित्त से जुड़े मामलों पर कार्रवाई करता है जैसे परियोजनाओं/स्कीमों के लिए राज्यों को अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता/विशेष सहायता जारी किए जाने से संबंधित मुद्दे जिनके लिए व्यय विभाग द्वारा संचालित मांग के तहत बजट आबंटन प्रदान किया जाता है। लोक वित्त (राज्य) प्रभाग राज्यों के ऋण और देयताओं के प्रबंधन, भारत के संविधान के अनुच्छेद 293(3) के तहत राज्यों के ऋणों को अनुमोदन प्रदान करने की शक्ति के माध्यम से वित्त आयोग द्वारा अधिदेशित राजकोषीय रूपरेखा लागू किए जाने, राज्यों के ऋण की निगरानी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के साथ समन्वय, राज्य वित्त आंकड़े एकत्र करने और उनका रखरखाव करने, राज्य वित्त की प्रवृत्तियों के विश्लेषण, राज्य वित्त को प्रभावित करने वाले राज्य के विधानों की संवीक्षा, राज्यों के ओवरड्राफ्ट के साथ-साथ उनके संसाधनों और अर्थोपाय स्थिति पर निरंतर निगरानी, राज्यों के बजटों के विश्लेषण के संबंध में भी कार्रवाई करता है।

वित्त आयोग प्रभाग

वित्त आयोग प्रभाग संबंधित वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार वित्त आयोग अनुदान जारी किए जाने के संबंध में कार्रवाई करता है। 14वें वित्त आयोग ने अपनी अधिनिर्णय अवधि 2015-16 से 2019-20 के लिए राज्यों हेतु मुख्यतः तीन प्रकार के सहायता अनुदान अर्थात् हस्तांतरण पश्चात् राजस्व घाटा अनुदान, स्थायी निकाय अनुदान और राज्य आपदा मोचन कोष की सिफारिश की है। वित्त आयोग प्रभाग राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष के विभिन्न पहलुओं अर्थात् राज्यों में आईएमसीटी दौरे, एससी-एनईसी और एचएलसी के लिए संक्षिप्त वृतान्त तैयार करने और गृह मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष से केन्द्रीय सहायता जारी किए जाने के संबंध में की कार्रवाई करता है।

राजकोषीय सुधार एकक

राजकोषीय सुधार एकक को राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम में संशोधन के लिए संबंधित वित्त आयोगों द्वारा की गई सिफारिशों के तहत राजकोषीय समेकन की स्थिति पर नजर रखने और उसके संबंध में राज्य-वार डाटा बेस तैयार करने का कार्य सौंपा गया है।

सभी अधिकार आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के पास सुरक्षित हैं।

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